(शैलेंद्र , प्रयागराज)
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का आज 123वां जन्मदिन है ।आज ही अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस एवं बसंत ऋतु का दौर भी है।हिंदी साहित्य के छायावाद के चार कवियों, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा के साथ सूर्यकांत जी प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने बंग्लाभाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य की,और गीत, कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध आदि विधाओं में रचनाएं सृजित कर छायावाद व परवर्ती काव्य आन्दोलनों के साहित्यकारों का मार्ग दर्शन किया।
सूर्यकांत जी का जन्म रविवार के दिन बंगाल की महिषादल रियासत, मिदनापुर में हुआ। रविवार के दिन पैदा होने के कारण उनका नाम सूर्यकांत रखा