Sunday, March 4, 2018

कविताएँ--सुरभी आनंद


          दुर्ग जा रही है
  
        कलरव ध्वनियों ने गूँज उठाया 
        जगत जीव द्वंद बनाने का 
        हवन की खुशबू तेरी ओर से आई 
        मुझे अनुभव जगाने का 

        कहीं चावल कहीं गुग्गुल कहीं पुष्प 
        सब बिखरे हैं तेरे विलाप में 
        कंर्दन की आवाज सुन 
        मेरी भाव भंगिमाएं चीख पड़ी 
        तू जा रही है ;विस्मयताद्ध

        आज ज्योत की आजमाइशें 

दो कविताएं : द विनेसेंटं माईलज (अनुवादः देव भारद्वाज)


द विनेसेंटं माईलज ;(De Vincent Miles) फ्लिपाइंस की एक प्रसिद्ध कवयित्री एवं लेखिका है। उन की बहुत-सी कवितायें और लेख प्रकाशित हो चुके हैं। दो दशकों से अधिक समय से वह अलग-अलग स्कूलों और कालेजों में अध्यापिका के तौर पर काम करती रही है। इस समय वह Department of Education City Schools of Manila में बतौर Master Teacher-II के पद पर काम कर रही है। वह Future University
Sudan o Emilio Aguinaldo College, Manila में भी पढ़ाती रही है। email: smilahgarcia@gmail.com




दिन में 21 सेब

मैं जब पिछली तरफ झाँकती हूँ
कि पिछले कुछ हफ्ते
कैसे फिजूल और वीरान रहे हैं
तो मैं अपने मन अंदर
उम्र भर के साथ का मंत्र दुहराती हूँ-
‘‘प्यार करना और प्यार लेना’’
मैं इसीलिए यहाँ थी।

दो गज़लें- डॉ: आरती कुमारी,


डॉ० आरती कुमारी
गज़ल

दास्तां इश्क मोहब्बत की सुनाने वाले
 जाने किस देश गए पिछले जमाने वाले।।

कस्मों वादों की रेवायत तो अभी है लेकिन
अब कहाँ लोग हैं, वो वादे निभाने वाले।।

जिंदगी क्या है किसी ने नहीं समझा लेकिन
मौत आती है तो रोते हैं जमाने वाले।।

अब तो पलकों पे भी जलते नहीं अश्कों के चिराग
गर कभी जल भी गए, आए बुझाने वाले।।

'नादान आदमी का सच ’ हमारा तुम्हारा सच - सुजाता

अम्बिका दत्त जी का काव्य –संग्रह ’नादान आदमी का सच ’ पढ़ते ही ताज़ी हवा के झोंके की छुअन सी महसूस होती है। हिंदी और राजस्थानी में उनके नौ पु...