Monday, September 18, 2023

एनसीपीए के संयोग से लिटरेरी वारियर ग्रुप द्वारा नीलम सक्सेना चंद्रा की नवीनतम पुस्तक "मोह से बंधी मैं" का सस्वर पाठ

ऐसे होते हैं, जो ज़िंदगी भर के लिए  अपनी छाप छोड़ जाते हैं। मैं बात कर रही हूं ऐसी ही एक रोमांचक शाम की जिसके एक एक पल में साहित्य के अनेक रंगों का मिलाप था। दिल को छू जाने वाली कविताएं और मोहित कर दे ऐसा नृत्य था।यह उत्कृष्ट कार्यक्रम प्रतिष्ठित एनसीपीए में दिनांक ६ सितंबर को आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम की शुरुआत नीलम सक्सेना चंद्रा द्वारा लिखी गई पुस्तक "मोह से बंधी मैं" के वाचन के साथ हुई।नीलम को

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा बाल साहित्य के लिए सोहनलाल द्विवेदी पुरस्कार, रेल मंत्रालय द्वारा प्रेमचंद पुरस्कार, गीत के लिए रेडियो सिटी द्वारा स्वतंत्रता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। फोर्ब्स ने उन्हें देश के ७८ सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक माना है। 

नीलम की लिखी गई खूबसूरत कविताओं के संग्रह में से एक कविता जो इस पुस्तक का शीर्षक भी है "मोह से बंधी मैं"। यह ईश्वर, मनुष्य और मोह के संबंध की वास्तविकता को दर्शाती है।वहीं उनकी दूसरी कविता "दो चांद" जहां एक छोटी सी बच्ची के चांद बनने की ज़िद ही, उस बच्ची के लिए प्रेरणा का स्तोत्र बन जाती है।दोनों ही कविताएं स्वयं नीलम के मुख से सुनने का दर्शकों को अवसर मिला।

साहित्य के प्रति दिलचस्पी,प्रेम और निष्ठा को देखते हुए मुख्य अतिथि श्री प्रमोद अग्रवाल,प्र. मुख्य आयुक्त, मुंबई, ने शब्दों के माध्यम से नीलम और लिटरेरी वॉरियर ग्रुप की बहुत सराहना की।साहित्य प्रेमियों के लिए नीलम की एक पहल का परिणाम बना लिटरेरी वॉरियर ग्रुप, जिसका जन्म कोविड काल में हुआ था। श्री प्रमोद अग्रवाल जी ने भी साहित्य में अपनी गहरी रुचि को प्रदर्शित करते हुए दो कविताएँ प्रस्तुत की और "जय जवान,जय किसान", इस नारे में अब "जय विज्ञान" के साथ-साथ "जय साहित्य" को भी शामिल करने की अपनी सोच को ज़ाहिर किया l

श्री करकरे, निर्देशक - कानूनी और विशेष परियोजनाएं, एनसीपीए  की उपस्थिति में कार्यक्रम का संचालन एनसीपीए की सुजाता जाधव ने शानदार ढंग से किया।कार्यक्रम के द्विभाषी काव्य पाठ भाग का संचालन लिटरेरी वॉरियर ग्रुप की सदस्य और कवियत्री मीरा भंसाली ने किया और लिटरेरी वॉरियर ग्रुप के कवियों अनूप पांडे (मुंबई), सुनील जोशी (पुणे), अनूप जालान (मुंबई) पूर्णा पारेख (मुंबई), पूजा धाड़ीवाल ( नागपुर) मणि सक्सेना (मुंबई), शिव नाथ शर्मा (मुंबई) और मीरा भंसाली (मुंबई) सभी को दर्शकों से परिचित कराया।

अनूप जालान की कविता में मिथिला का स्वाद और पौराणिक कथाओं का प्रदर्शन था। सुनील की खट्टी मीठी कविता हल्के रोमांस को झलकाती थी,जबकि अनुप की कविता ने मधुर प्रभाव के साथ बारिश का प्रदर्शन किया, पूर्णा की प्रेम पर कविता ने सभी को भावुक कर दिया।जीवन पर पूजा की कविता ने जीने की समग्र इच्छा व्यक्त की, जबकि शिव नाथ की कविताओं ने पिता और उनके बस्ते से जुड़ी पुरानी यादों को मजबूत किया। मणि की कविता ने पर्यावरण के मुद्दों पर विचार करने का तर्क दिया और मीरा की कविता ने दर्शकों को सूर्य के प्यार में पढ़ने का न्योता दिया।

अभी सस्वर पाठ का सिलसिला खत्म ही हुआ था कि मंच पर आमनास की अर्पणा राओ और नंदिता एन जी ने नीलम द्वारा आवाज दी गई पूर्व रिकॉर्ड की गई कविताओं पर सुंदर नृत्य करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कविता और नृत्य के इस अद्भुत मेल ने उस शाम को और भी यादगार बना दिया। टीम लिटरेरी वॉरियर ने ऑफ़लाइन कार्यक्रमों की मेज़बानी में एक बार फिर अपनी कुशलता साबित की है। प्रशंसनीय और प्रेरक तालियों ने अंत में कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए।

© पूजा धाड़ीवाल

wepv3dh@gmail.com 


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