मैं जब भी उनकी दुकान पर जाता
वे नामी बाबाओं के
वीडियो देखते - सुनते हुए ही मिलते थे।
उनमें से कुछ बाबा आज ---- की हवा खा रहे हैं।
आज जब मैं उनकी दुकान पर पहुंचा
तब भी वे कोई वीडियो ही देख रहे थे।
मैने पूछा- कौन से बाबा को देख - सुन रहे हैं ?
वे बोले - अरे नहीं, पिक्चर चल रही है।
मैने पूछा - कौन सी ?
तो वे बोले - फर्जी।
(राजेन्द्र ओझा, रायपुर, छत्तीसगढ़)
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