अनुवाद: सुजाता
कोई नहीं जानता
कब रुखसत का समय आ जाए और उस मौज को जीने का समय ही न मिले
तो बसअपनी चाय की चुस्की भरो
सुकून से/ धीरे _धीरे
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जीवन बहुत छोटा है
मगर लगता बेहद लंबा
बहुत कुछ है करने को
क्या सही क्या गलत
उलझे रहते तुम इसी में
इससे पहले कि देर हो जाए और
अंत समय आ जाए
अपनी चाय का मज़ा लो
घूंट_घूंट
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चंद दोस्त शेष रहते