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रीतू कलसी की कुछ कविताएं
हम और तुम भले चाहें युद्ध न हों पर युद्ध होंगे और मरना किसे इस युद्ध में यकीनन हमको तुमको नेता आए,नेता गए दर्ज हुआ युद्ध इतिहास मे तो ...

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सेंटियागो में आंखे ( ला चेस्कोना में) यहां हर तरफ आखें हैं चुफेरे हैं आखों के बने चिन्ह किसी सख्त प्रेमी की दबंग आखें अंदर कमरे से घूर रही...
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हम और तुम भले चाहें युद्ध न हों पर युद्ध होंगे और मरना किसे इस युद्ध में यकीनन हमको तुमको नेता आए,नेता गए दर्ज हुआ युद्ध इतिहास मे तो ...
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अम्बिका दत्त जी का काव्य –संग्रह ’नादान आदमी का सच ’ पढ़ते ही ताज़ी हवा के झोंके की छुअन सी महसूस होती है। हिंदी और राजस्थानी में उनके नौ पु...
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