अशोक कुमार आधुनिक अंग्रेजी एवम हिन्दी के विश्वविख्यात कवि है| इनका जन्म सन 1977 ई.मे टीकरी जिला बागपत मे हुआ था| इन्हे "शान्ति कवि" के रूप मे भी जाना जाता है | इन्हे इनकी कविताओ के लिए राष्ट्रय एवम विश्व- स्तर के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है| सम्मत2020 मे इन्हे विश्व शान्ति अभियान के लिए नाईजिरिया एवम मोरोक्को ने पी .एच.डी की मानद् उपाधि से भी नवाजा है |इनकी कविताओ का विश्व की विभिन्न भाषाओ मे जैसे स्पेनिश ,यूनानी ,इटेलियन ,हिबरु आदि मे किया जा चुका है|
मैं अमर हूँ !
एक सुंदर पक्षी की तरह
अनंत आकाश में उड़ता हूँ
जितनी अधिक मैं इच्छा करता हूं उतनी
जिसके पास ज्वाला है कमाल है,
मैं वैसा ही हूँ,
जैसा सूरज चमकता है
सब कुछ उसकी रोशनी में देखता हूँ
मैं पूरे परिवार को प्यार करता हूँ
और उनके साथ खुश हूँ
सभी की सराहना करता हूँ
मैं कबूतर की तरह निर्दोष हूँ
मैं ऐसे प्यार के साथ खुश हूँ
सुनकर बबलकुल धारा बहने लगी
प्यार की फूलों की एक माला के साथ,
आइसक्रीम चाट रहा हूँ
मेहमाननवाज़ी मुझे पसंद है
तारों के एक समूह के बीच में आशावादी,
समकालीन हूँ मै शांति से अधिक घृणा नहीं है
दायित्वों के साथ जीते हुए
खूबसूरत ,आराम में हूँ
हर तरह से आजाद पैदा हुआ,
मै आजाद हूँ मैने सीखा है कैसे जीना है,
कैसे चलना है कैसे रास्ता दिखाना है
प्रतिदिन अमरता का आनंद लेते हुए |
लोगों को एक साथ लाने के लिए !
मधुर कोमल रहस्यवादी आत्मा द्रड है
आगे बढ़ें,
सभी चिंताओं को पीछे छोड़ दें
शांति और अखंडता के लिए खड़े हो जाओ
नफरत उदारता से अधिक नहीं है
शुद्धता के लिए आंतरिक और बाहरी
स्वच्छता की आवश्यकता है
आइए समुदाय के स्वामी से
पहले अपने जहाजों के स्वामी बनें
मैं गली में घूमने वाला शान्ति प्रेमी हूँ
हम यहां इस खूबसूरत दुनिया में
अभिवादन करने के लिए आए हैं
शरद ऋतु बीत चुकी है,
चलो वसंत का स्वागत करते हैं एकजुट रहें,
समृद्धि मिशन के लिए एक दूसरे को चंगा करें
चलो फूलों की एक माला बनाते हैं
दैवीय बारिश में भीगते है ; समय की यही मांग है|
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