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पुरस्कृत होने पर गदगद हरिंदर का कहना है कि किसी की सेवाओं को इस तरह मान्यता दी जाए तो उसको और भी समर्पण भाव से सेवा करने की प्रेरणा मिलती है। शेष लोग भी अच्छे काम के लिए प्रेरित होते हैं।
उनका कहना था कि वह सेवा के जज्बे को लेकर ही बड़ी-बड़ी हैं। उनके दादा पिता भाई व परिवार के अन्य लोग जन सेवा ही करते और कर रहे हैं । उनके अनुसार जब उन्होंने जी एन एम कोर्स पूरा किया तो पिताजी ने सिर पर हाथ रख कर कहा था पुत अपने जीवन को समाज सेवा में लगा दो। बडहेड़ी बटेरला सेक्टर 41 चंडीगढ़ में जन्मी हरिंदर नेसे क्टर 21 के मॉडल स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद एमसीएम कॉलेज से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट राजेंद्र मेडिकल कॉलेज पटियाला से 1990 र्में जीएमएन का कोर्स किया। इसके बाद वही नियुक्त हो गई । वर्ष 2001 से सेक्टर 16 के सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं।
मानव सेवा का कार्य क्योंकि हरिंदर कौर ने शौक से अपनाया था इसीलिए उन्होंने नौकरी पूरी तन्मयता से करने का बीड़ा उठाया हुआ है। सबसे बड़ी चुनौती कोरोना कॉल में आई । चंडीगढ़ का पहला कोरोना मरीज मनदीप उन्हीं के अस्पताल में आया था और उन्होंने बाकी टीम सदस्यों के साथ उसके इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
चंडीगढ़ की स्वास्थ्य व परिवार कल्याण निदेशक डॉक्टर अमनदीप कौर कंग उनकी लगन देखते हुए हरिंदर कौर को कोविड- प्रभावित गर्भवती महिलाओं की सेवा के लिए मुझे गायनी यूनिट में ले आई । इसके लिए अस्पताल में विशेष प्रसूति कक्ष बनाने में भी हरिंदर कौर ने बढ़-चढ़कर योगदान किया।
हरिंदर कौर बताती हैं कि अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के लिए क्यूबिकल्स के निर्माण के दौरान उन्होंने लेबरके साथ मिलकर काम किया।
कोरोना जितना बड़ा चैलेंज था उतना ही उन्होंने खुद को इसके मरीजों के उपचार के लिए तैयार किया। कोविड-19 प्रभावित गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी व प्रसूति के बाद उनकी और नए जन्मे बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने इनके साथ अपने आपको भी पूरी तरह समर्पित कर दिया। ड्यूटी के समय का कोई ध्यान ना करते हुए उन्होंने दिन रात सेवा की। जब वह थकावट से गिर जाती तो उनके सहयोगी चिकित्सक उन्हें उठाते और वह फिर नए उत्साह से उपचार कार्य में लग जाती। इस दौरान डॉ रमनदीप कौर ,डॉ सुमन, डॉक्टर बरिंदरजीत कौर, डॉक्टर सपना, डॉ अपूर्वा, डॉक्टर गुन्चु और सिस्टर गुरमीत ने बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई। इस दौरान हरिंदर कौर को कई कई दिन अस्पताल में ही रहना पड़ता।
हरिंदर कौर को इस बीच परिवार का भी पूरा सहयोग मिला । थकी मांदी मोहाली में अपने घर पहुंचती तो सरकारी सेवा में कार्यरत पति और बेटे का पूरा साथ मिलता। यह लोग उनकी ड्यूटी को समझते इसीलिए इसे निभाने में उनका पूरा साथ देते।
कोरोना रोगियों के उपचार में सेक्टर 16 का अस्पताल काफी मशहूर हो गया था । चंडीगढ़ के अतिरिक्त मोहाली पंचकूला और आसपास के लोग भी कोरोना उपचार के लिए इसी अस्पताल में भेजे जाने लगे। हरिंदर कौर के अनुसार इस दौरान कोविड-19 प्रभावित करीब ढाई सौ गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी इसी अस्पताल में करवाई गई । उनका कहना है कि उनकी ही टीम ने सामान्य प्रसूति के अलावा इन महिलाओं के सिजेरियन बी करवाए । प्रसूति के बाद मां और बच्चे की देखभाल भी पूरी निष्ठा के साथ की गई ।
हरिंदर कौर की अथक सेवा को देखते हुए पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने 26 जनवरी , 2020 को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पुरस्कृत किया ।
राष्ट्रीय लक्ष्य कार्यक्रम के तहत जब मेटरनिटी केयर प्रोग्राम शुरू किया गया तो सेक्टर 16 अस्पताल की टीम की हरिंदर कौर मेंटर रही ।
इतनी सराहनीय सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति से पुरस्कार तो मिला ही साथ में अन्य संगठनों ने भी सम्मानित किया है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल और ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन भी उन्हें नवाज चुके हैं । नगर निगम मोहाली, सेक्टर 41 बटेरला उनके पैतृक गांव के संगठन , सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, मोहाली ने भी उन्हें सम्मानित किया है। सेक्टर 49 के गुरुद्वारा चरण कंवल साहब और सेक्टर 16 अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ संगठनों ने भी उनका अभिनंदन किया है ।
हरिंदर कौर का कहना है कि पुरस्कार प्राप्ति मेरे जीवन के गौरवपूर्ण क्षण है । मुझे रब से और क्या चाहिए। मेरे काम को मान्यता मिली है । अस्पताल के चिकित्सकों और मेरे साथियों का मुझ पर पूरा विश्वास है इसीलिए कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में मुझे बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गई और उत्साहित किया गया। राष्ट्रपति महोदय ने पुरस्कृत करने के समय मुझे कहा था कि रिटायरमेंट शब्द कभी जिंदगी में मत लाना और ताउम्र सेवा करते रहना। यह बहुत बड़ी बात है मेरे लिए । मैं भी जिंदा जी महिलाओं के कल्याण और स्वास्थ्य पर ध्यान देती रहूंगी । "रब मैनू समरथा देवे।"
अवतार सिंह भंवरा