Sunday, July 28, 2024

चेन सु चिन की कुछ कविताएं

 सेंटियागो में आंखे

( ला चेस्कोना में)


यहां हर तरफ आखें हैं

चुफेरे हैं आखों के बने चिन्ह

किसी सख्त प्रेमी की दबंग आखें

अंदर कमरे से घूर रही हैं

बगीचे की तरफ

यह जानने के लिए की

प्यार अभी तक कायम है की नही


आखें तो प्यार की तलाश में

स्थिर हो गई लगती हैं

अंधे प्यार की चाह


ओ! मेरे नेरुदा

यहां पर बहुत सारी आखें हैं


आखें , आखें और आखें

कौन सी हैं मेरी

और कौन सी हैं

तुम्हारी आंखे


क्या हम एक जोड़ी 

डॉ संगीता सिंह की कुछ कविताएं , राजस्थान

डॉ संगीता सिंह का जन्म 26 फरवरी को हुआ था। ये स्वर्गीय श्री नरेंद्र  बहादुर सिंह एवं  श्रीमती आशालता सिंह की संतान हैं माता पिता राजकीय सेवा...