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Monday, October 30, 2023

प्रोत्साहन: शैलेंद्र

"सफलता के पायदान"

प्राक्कन को लिखने का आग्रह प्राप्त हुआ,जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार

कर लिया। आज पुस्तक संबंधित

पोस्ट को देख एक कविता लिखने

को प्रोत्साहित हो उठा।


मनोबल ऊंचा,

मनोबल बढ़ा,

दिशा निर्देशन

भी एक विधा....।।


दो पंक्तियां लिखना,

चंद अशआर गढ़ना,

अनुभवों को साझां कर,

समाज सृजन करना....।।


ही मानवता है,

मूल्यों की पराकाष्ठा है

शिखरों की गरिमा है

खुशियों से जीवन भरना है....।।


खुद को अनुशासित करना,

ख़ुद को समर्पित है करना,

चुन लो कोई एक क्षेत्र या विधा,

सतत् प्रयासों से परिचय सशक्त करना.....।।


लेखनी अब चल निकली है,

भावों की सरिता बह निकली है,

पारदर्शिता से ही मूल्यवान हुई है,

जन साधारण में एक आशावादी किरण

दिखने लगी है...।।


साहित्य का प्रतिबिम्ब बिन्दु है,

अनुभवों से सुसज्जित प्रतीक से

 आगे है,

सफर अद्वितीय है, अभी थमा नहीं

है,

प्रतिनिधि बनकर मनवांछित सफलता

प्राप्त करना भी है।



शैलेंद्र


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